अब जब अन्न प्राशन के बाद खाने पिने की पूरी छुट मिल ही गई है तो फिर क्या खीर और क्या माखन सबके सब ललचाने लगे ....जब ममा मुझे एक्सरसोसर में छोड़ कर पापा का खाना लगाती ममा के जाते ही तुरंत दही मक्खन पर धावा हो जाता ....
अभी ज़रा हाथ और बढ़ाना है .....फुदक फुदक कर
मैंने तो कुछ नहीं खाया ....अपने देखा क्या ??
फिर अगर मैं माना भी कहूँ कि सब कुछ मैंने नहीं गिराया तो मेरे चहरे को देख कर सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते ....लेकिन आप नहीं हँसियेगा....नहीं नहीं , बिलकुल नहीं :)
11 comments:
माखन तो खायो है
makhan nahi khaya to muh par kya laga hai
vaise bahut hi sunder lag rahi hai anuska bitiya
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कोई कुछ भी कहे,
पर माखन तो नहीं खायो है!
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समझदार के लिए इशारा काफी होता है!
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आदेश सर आँखों पर नहीं हसेंगे ...बिलकुल भी !
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केवल मुस्किया रहे हैं !
Nahin beta ...nahin hansenge....lekin makhan to khaaya hai...achhi cheez khane me kya harz hai....kyon ...hai na.
God Bless!
अच्छा अभी से...बोलना शुरू...
दिख रहा है कि ’खायो’, तो...
लो हम तो खिलखिलाकर हंसने लगे...हा हा हा
अच्छी लग रही है प्यारी सी, नटखट सी अनुष्का.
न हमने तो नही देखा। किस ने कहा खाया? मां ने ? अभी पूछती हूंम। आशीर्वाद।
नटखट अनुष्का, हमने तो आपको माखन खाते देख लिया... पर हम किसी से नहीं कहेंगे... :)
वाह हमारी अनुष्का तो सच ही बोलती है और सच के सिवा कुछ नही बोलती.:)
मैया मोरी मैने ही माखन खायो!
रामराम.
माखन तो खायो है...... अनुष्का :)
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