पापा की परी हूँ मैं |
एल्मो और पू बियर तो मुझे बहुत लुभाते ..एल्मो की हँसीं सुनकर मैं भी हँसने लगती और पू बियर के साथ भी उसका म्युज़िक सुनकर अच्छा लगता
शाम को पापा जब ऑफिस से घर चले आते मेरी तो ख़ुशी बहुत बढ़ जाती और मैं अपने पापा की गोद से निचे ही नहीं आती ...पापा भी मुझे बहार घुमाते और ढ़ेर सारा प्यार करते
जब मुझे ४था महिना लगा मेरी डाक्टर ने मम्मी से कहा मुझे अब रंगों की भी समझ आने लगी है . अलग अलग रंग मुझे अब बहुत लुभाते है, तब तो मम्मा ने सारे घर में रंग रंग की फ्रिल्स और पेपर फ्लावर लगा दिए रंगीन चमकीला झूमर भी मम्मा सुबह शाम मालिश कर के मुझे खूब कसरत कराती और निचे लेटा देती और में छत और दीवार पर यह रंगीन सजावट देख देख कर खूब खुश होती ज़ोर ज़ोर से पैर मार कर उन्हें पकड़ने की कौशिश किया करती
मालिश करा कर स्ट्रोंग हो रही हूँ |
मुझे मस्ती करता देख एक बार मम्मा ने यह प्रिंसेस क्राउन लगा कर मेरी फोटो ली मेरी डाक्टर (निरंजना राजन ) ने देखते ही कहा अनुष्का तो इसमे प्रिंसेस नहीं प्रिंस लगती है . न्यू जर्सी में डाक्टर राजन के ऑफिस में अब भी मेरी यह तस्वीर लगी हुई है .
इन सब बातों के साथ मम्मा मुझे एक और बात बताया करती है..... इसी दौरान हमारे घर के सामने वाले घर में एक दंपत्ति रहने आई वद्ध थे. अमेरिकन ही थे, इसलिए मम्मा मुझे कहती ये ग्रेंपा ग्रेन्मा है . जब भी वो मुझे देखते दूर से ही खिलाते मुस्कुराते और चले जाते क्योंकि यहाँ लोग औपचारिक ज्यादा होते है यूँ किसी से सहज नहीं हो पाते......लेकिन मैं क्या करू मुझे तो उन्हें देख अपने दादा दादी याद आजाते और मैं तो उनके पास जाने को मम्मा की गोद से लटक ही जाती . एक दिन उन्होंने भी मुझे गोद में लिया कहने लगे मुझे लगा तुम मेरी बड़ी बड़ी दाढ़ी से डर जाओगी लेकिन तुम तो बहुत प्यारी हो .....बस वो दिन, उसके बाद तो जब तक मैं इण्डिया गई तब तक रोज़ ही दोपहर में वो मुझे लेने आते साथ में एक डाइपर भी ले लेते और मम्मा को आराम करने को कहते ...उन्होंने मम्मा को बताया था उनके ५ बच्चे और १० पोते पोती है लेकिन सब अलग अलग स्टेट्स में है . बस साल में एक बार मिलते है .....जब मैं इण्डिया से लौटी तो हम नए घर में आगये एक दिन मम्मा ने वहाँ पुराने घर में जाकर देखा तो वो लोग भी चले गए थे ......अब वो जाने कहाँ होंगे लेकिन उनका प्यार एक खुबसूरत याद के रूप में मेरे साथ रहेगा . तो आप क्या कहेंगे प्रिंसेस या प्रिंस ?? |
आज दो और खास बातें बतानी है आपको मम्मी की पोल खोली नानाजी ने देखे (माँ-बेटी की बात --संजीव 'सलिल')
महात्मा गाँधी और शास्त्री जी के अलावा मेरे खास दोस्त का जन्मदिन भी है आज ही ...बधाई ! (जज़्बात : एक साल का सफ़र)
16 comments:
अनुष्का के बालपन के चित्रों का क्या कहना परी है
अनुष्का की कहानी,
रानी की जबानी,
पढ़कर बहुत अच्छा लगा!
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तुम्हारे सुन्दर चित्रों ने तो
नाना जी का मन मोह लिया!
वाह बहुत सुन्दर बेटी रानी !
इतने प्यारे प्यारे रूप में सभी की प्यारी दुलारी हो तुम अनुष्का...
और जज़्बात को ’हैप्पी बर्थ डे’ की विश के लिए चाकलेट भी मिलेगी...
तो कब आ रही हो अपने वतन!
नन्ही परी को बहुत दुलार ...
मन खुश हो गया इतनी प्यारी तस्वीरें देख कर ...!
अरे अनुष्का सच में बहुत सुंदर चित्र है प्रिंस के.:) प्यार.
रामराम.
अनुष्का की कहानी,
पढ़कर बहुत अच्छा लगा!
very intersting flash back story
अनुष्का janm din Mubarak ho.
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हर फ़ोटो -
एक से बढ़कर एक -
ख़ुशियों से भरा-पूरा!
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अनुष्का को प्यार ही प्यार!
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बहुत बढ़िया चल रही है यादों की श्रृंखला ...प्यारी परी को ढेर स प्यार ....तुमको देख कर किसका मन नहीं होगा कि गोद में उठा लें ..:):)
ानुषका कहानी तो बाद मे सुनेंगे आज तुम इतनी क्यूट लग रही हो कि पहले गोदी मे उठा कर लाड लडा लूँ। तुम्हारी मम्मी बहुत अच्छी तरह लिखती हैं तुम्हारी कहानी। आशीर्वाद।
मेरे घर आई एक नन्ही परी,
चांदनी के रथ पे सवार,
हो, मेरे घर आई एक नन्ही परी.
उसकी बातों में शहद सी मिठास...
जय हिंद...
Are waah!! Anushka..so cute...:)
बहुत प्यारी लग रही है ।
नन्ही परी को बहुत सारा दुलार ..
सच्ची मुच्ची की परी
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