मेरा बचपन मेरी मम्मा की नज़र से...

Tuesday, March 29, 2011

पहला परफोर्मेंस पहली ट्रोफी.....कुछ झलकियाँ और वीडियो

जैसा कि पिछली पोस्ट्स में ज़िक्र चल रहा था २६ मार्च को होने वाले मेरे पहले डांस स्टेज परफोर्मेंस का सो निर्धारित दिन, स्थान और समय पर शिव शक्ति भरतनाट्यम डांस शो हुआ. इसमे प्रस्तुति देने वाले बहुत लोग थे बहुत बड़े भी और मेरी तरह भी . सबकी प्रस्तुति बहुत ही बेहतरीन रही, थिएटर पूरा भर गया था . मेरी प्रस्तुति को लेकर मामा थोडा नर्वस थी क्योकि मेरे साथी परफोरमर्स तो कम से कम ४-५ महीनो से प्रेक्टिस क्लास जारहे थे और मैंने तो बस ४ क्लास ही ली थी लेकिन मेरी गुरु दीपाली आंटी को मुझ पर पूरा भरोसा था आप सबके आशीर्वाद से मैं उस  विश्वास को कायम रख सकी ...बहुत अच्छा अनुभव रहा . ग्रीन रूम में जहाँ ४ घंटे मैं दुसरे परफोरमर्स के साथ थी बिना मामा पापा के सब लोगो ने मुझे बहुत प्यार किया और सबसे ज्यादा अच्छा मुझे तब लगा जब परफोर्मेंस के बाद दीपाली आंटी ने अपने हाथों से मुझे ट्रोफी भी दी ....बहुत अच्छा रहा सब कुछ :)

पहली प्रस्तुति

दूसरी प्रस्तुति ....हस्ता और श्लोका
 
गुरु दीपाली आंटी से ट्रोफी लेते हुए

पहली ट्रोफी :)
और ये है वीडियो जिसमे आप मेरे दोनों परफोर्मेंस और मुझे प्राईज़ लेते हुए देख सकते है  :




शो कि सारी तस्वीरें मेरे फेसबुक पेज पर उपलब्ध है    
http://www.facebook.com/album.php?id=148429008533704&aid=46351

Wednesday, March 16, 2011

शिव शक्ति नृत्य समारोह ब्रोशर तैयार -------आमंत्रण

जेम्स आर्मस्ट्रोंग थिएटर में २६ मार्च को होने वाले शिव शक्ति नृत्य समारोह के ब्रोशर (brausher )तैयार हो गए है . नृत्य क्षेत्र भरतनाट्यम डांस स्कूल की और से आयोजित होने वाला यह समारोह मेरे लिए बहुत ख़ास है क्योकि यह मेरा पहला स्टेज परफोर्मेंस होगा ....आप सब भी सादर आमंत्रित है . ज़रूर आइयेगा . 
वैसे मुझे यह पता है कि आप सभी का प्यार और आशीर्वाद मेरे साथ ही होगा जो मेरा उत्साह वर्धन करेगा .
ममा पापा को तो आजकल बहुत चिंता है क्योकि इन दिनों मुझे वाइरल हुआ है जिसके कारण प्रेक्टिस ठप्प है और कमजोरी भी आगई है .
मुझे यकीं है ईश्वर कृपा और आप सबके आशीर्वाद से तो मैं जल्द ही चुस्त होकर बहुत उत्साह के साथ इस समारोह में प्रस्तुति दूंगी .
अब आप देखिये ये तस्वीरे जहाँ मेरा नाम भी छपा है :) 



Sunday, March 13, 2011

घुंघरू पूजन-------------अनुष्का

मेरी पिछली पोस्ट में आपने देखा नृत्य क्षेत्र में मेरा पहला दिन ....आज मैं आपको बता रही हूँ मेरी गुरु दीपाली आंटी के द्वारा दिया गया पहला उपहार, उनका प्यार और आशीर्वाद मेरे पहले घुंघरू के रूप में . मेरी अगली क्लास में आंटी ने की घुंघरू पूजन और मैंने पाए आपने पहले घुंघरू जिन्हें देखते ही मैं बहुत खुश हो गई . घर आते ही मैंने दादू , दादी को ऑनलाइन अपने घुंघरू दिखाए और बहुत छम छम डांस किया ...सारा घर गूंज उठा !!
ये है कुछ झलकियाँ ...


Tuesday, March 8, 2011

नृत्यक्षेत्र ----पहला दिन

डांस के प्रति मेरे लगाव को देखते हुए ममा-पापा ने मुझे पिछले हफ्ते डांस स्कूल "नृत्य क्षेत्र " (भरतनाट्यम डांस) में एनरोल करा दिया है . वैसे तो हम लोग वहाँ बस इस बारे में जानकारी ही लेने गए थे ....लेकिन संयोग और प्रभू कृपा से मुझे गुरु सानिध्य प्राप्त हुआ .
जब मेरी टीचर दीपाली आंटी ने मुझे देखा उन्हें भी लगा मैं छोटी हूँ लेकिन उन्होंने भी जब मुझे कुछ करने को कहा और मैंने भी उनके इंस्ट्रकशनस अच्छे से माने तो वो बहुत खुश हुई और उन्होंने मुझे अपनी शिष्या बना ही लिया .....ममा पापा के लिए और मेरे लिए बहुत ही ख़ुशी की बात यह है कि मेरी पहली ही क्लास में मेरी गुरु ने यह तय कर लिया को वो इस माह की २६ तारीख को आयोजित होने वाले उनके स्टेज शो में दुसरे शिष्यों के साथ मुझे भी स्टेज पर ले जाएंगी . जब उन्होंने मुझे अच्छे से  यह सब बताया तब से मैं बहुत एक्साइटेड हूँ  :)

यह है मेरे पहले दिन के कुछ फोटोस ....




  

 
  





Wednesday, March 2, 2011

महा मृत्युंजय मंत्र सहित ५ संस्कृत श्लोक

आज महा शिवरात्रि के शुभ दिन मैं आप सभी को शिव जी का खास महा मृत्युंजय मंत्र सुना रही हूँ  . आप सभी को यह जान कर बहुत ख़ुशी होगी कि इस मंत्र सहित मुझे अब ६ से भी ज्यादा संस्कृत के श्लोक कंठस्थ हो गए है . आज आप इस वीडियो में सुनिए मेरे श्लोक जिनमे महा मृत्युंजय मंत्र सहित ५ संस्कृत श्लोक है .जो यह है ....

१ . सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
     सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥

२. ॐ भूर्भुवस्वः । तत सवितुर्वरेण्यं ।
    भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात ॥

३.  ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिँ पुष्टिवर्धनम्, 
     उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ।

४. गुरु: ब्रह्मा गुरु: विष्णु: गुरु: देवो महेश्वर: l
    गुरु: साक्षात् परब्रह्म: तस्मै श्री गुरुवे नम: ll

५. वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥



आप सभी को महा शिवरात्री  की हार्दिक शुभकामनाएँ.