मेरा बचपन मेरी मम्मा की नज़र से...

Tuesday, February 15, 2011

सिली बिली "ईवा"-----------लर्निंग न्यू थिंग्स


आज कल घर और स्कूल में काफी कुछ नया नया सिखने को मिल रहा है और इसी लर्निंग में सब के लिए कुछ मज़े की बातें भी निकल आई . स्कूल में इन दिनों सप्ताह के सात दिनों के नाम सिखाए जारहे है .अब अच्छी बात यह है कि मुझे सप्ताह के सात दिनों के नाम याद हो गए लेकिन मज़े की बात यह है कि जिस दिन हमें यह सात दिनों के नाम वाली पोयम सिखाई जाती है उस दिन ट्यूस डे होता है इसलिए पोयम के अंत में हम बोलते है 'टू डे इज ट्यूस डे', तो अब मुझे सात दिन के नाम याद होने के बावजूद हर दिन मेरे लिए ट्यूस डे है .......ममा चाहे कितना भी सिखाए लेकिन जो मीस सिंडी (टीचर ) कहे वही वेद वाक्य है .
ऐसे ही घर पर जब रोज़ रात को साड़े ग्यारह बजे पापा की वार्निग मिलती है ..........."चलो चलो साड़े ग्यारह बज गए सो जाओ, सुबह स्कूल जाना है न" तो बस यह समय अब मुझे रट गया है. अब कभी कोई भी किसी से या मुझसे समय पूछता है कि कितनी बजी है ??

मैं कहती हूँ साड़े ग्यारह ....फिर कोई कितना भी सुधारे हम मानने वाले नहीं है :D

गुड न्यूज़ यह है कि पापा कहते है मेरी घड़ी पुरे दिन में दो बार सही टाईम बताती है ...है न कमाल की बात !!
मगर ममा तो फिर भी मुझे सिली बिली "ईवा" ही कहती है अब बताइए भला मैं तो इतनी इंटेलिजेंट हूँ ममा को सिली क्यों लगती हूँ पता नहीं !!!

एक और ख़ास बात कहनी है आप सब से : आप सभी के प्यार और आशीर्वाद का कमाल है, ममा अब ठीक है. हाँ मगर मेरी डॉक्टरी भी कमाल की है  :)

10 comments:

vijai Rajbali Mathur said...

तुम्हारी मम्मी का यह तुम्हारे प्रति प्यार है.तुम्हारी मम्मी ठीक हैं ,अच्छी बात है हम सब तुम सब की कुशलता सदैव चाहते हैं.

Yashwant R. B. Mathur said...

हा हा हा ....अनु यही तो बचपन है ...बहुत प्यारी लग रही हो इन फोटोस में :)

With Love-

संजय भास्‍कर said...

nice anu

रावेंद्रकुमार रवि said...

बहुत प्यार से देखा मैंने,
प्यारी-सी इस गुड़िया को!
चहक रही है-महक रही है,
ख़ुशियाँ दे इस दुनिया को!
--
अनुष्का की एक झलक यहाँ भी है -

एक परी आएगी

रावेंद्रकुमार रवि said...

पापा की घड़ी,
मम्मा की सिली!
लगती फुलझड़ी,
फूलों-सी खिली!

shikha varshney said...

अरे आपको सिली कहने वाली मम्मा ही सिली है ;) आपतो बहुत इंटेलिजेंट हो ..

राज भाटिय़ा said...

अरे सिली तो मम्मा प्यार से कहती हे, त तो बहुत प्यारी प्यारी गुडिया हे,

ताऊ रामपुरिया said...

ओह अनुष्का इज नाट सिली.:)लव यू अनुष्का.

रामराम.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

माँ और बेटी दोनों को आशीर्वाद!

DEVRAJ said...

अनुष्का मुझे भी आप के जेसा ब्लॉग बना सिखा दो आप का ब्लॉग बहुत अच है प्लस !