मेरे ४थे जन्मदिन के उपलक्ष पर आचार्य सलिल नानाजी से भी प्यार भरा आशीर्वाद प्राप्त हुआ . नानाजी का यह उपहारमयी आशीष मेरे इस जन्मदिन की बहुत ही सुन्दर स्मृति बन कर रहेगा . इसे आज आप सभी से भी साँझा कर रही हूँ .....नानाजी आपका प्यार अमूल्य है . बहुत बहुत आभार !!
जियो अनुष्का साल हजारों...
पैर धरा पर रखो जमाकर
आसमान पर नजर टिकाकर..
पंख हौसलों के संग लेकर-
मंजिल को छू लौटो फिर-फिर.
वंदन करलो अरे बहारों...
राजकुमारी रानी की तुम.
बहुत लाडली नानी की तुम..
नाक में दम भी कर देती हो-
नव मिसाल शैतानी की तुम..
अर्चन करलो दिव्य नज़ारों...
अपनी हिम्मत कभी न हारो.
नियति नटी को गढ़ो-सुधारो..
अपना तो सब साध रहे हैं-
तुम औरों के काम सुधारो..
शीश चढ़ो, धन्य हो हारों...
आचार्य संजीव 'सलिल'
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