मेरा बचपन मेरी मम्मा की नज़र से...

Thursday, December 30, 2010

Happy New Year 2011

Happy New Year



आप सभी को नववर्ष २०११ के आगमन की हार्दिक शुभकामनाएँ.....!!!!


Saturday, December 25, 2010

मेरी क्रिसमस {Merry Christmas }

Glitter Graphics
आप सभी को क्रिसमस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ और बधाई !!!

Wednesday, December 22, 2010

क्रिसमस फंक्शन में हुई सेंटा से मुलाकात (Meeting with Santa)

पिछली पोस्ट में मैंने आपको हमारे स्कूल में हुए क्रिसमस फंक्शन में मेरे परफोर्मेंस की कुछ तस्वीरें दिखाई थी. आज देखिये वहाँ सेंटा से हुई मेरी मुलाकात ...



फंक्शन बहुत अच्छा रहा सेंटा ने हमें गिफ्ट में केंडीस, ब्लेसिंग नोट, मिंट स्टिक्स और लाईट वाली सेंटा केप भी दी जो मैंने सेंटा के साथ पहनी हुई है ... 
ये है हमरे स्कूल के प्रबंधक और मेरी टीचर्स 
 अब जैसा कि मैंने प्रोमिस किया था अपने परफोर्मेंस का वीडियो क्लिप दिखाने का तो यह लीजिये हाज़िर है आपके लिए .....बताइए मैंने कैसा गया ??



Monday, December 20, 2010

क्रिसमस फंक्शन (Christmas Function )

जैसा कि मैंने आपको बताया ही था कि इन दिनों स्कूल में मिस बहुत अच्छी अच्छी राईम्स सिखा रही है क्रिमस वाली, वो हमारे स्कूल में होने वाले क्रिसमस फंक्शन के लिए थी. टीचर्स और पेरेंट्स ने मिलकर एक पार्टी का आयोजन किया था जिसमे पेरेंट्स ने सभी के एक साथ लंच की ज़िम्मेदारी ली और टीचर्स ने समारोह को मनोरंजक बनाने की. दोनों ही पक्षों ने अपना काम बहुत ही अच्छे से किया नतीजन हम बच्चों ने बहुत मज़े किये ....कुछ झलकियाँ आपके लिए :
मैं अपनी टीचर के पास खड़ी हूँ

अब हम गा रहे है ...व्हेर इज़ सेंटा,व्हेर इज़ सेंटा...हमारी मुद्रा से लग रहा होगा आपको भी :)


एक और राईम रिंग रिंग ...रिंग द बेल

ये छोटा सा सेंटा भी कितना प्यारा है न ???

अपनी फ्रेंड के साथ मस्ती करते हुए बहुत खुश हूँ 

कल आपको अपने परफोर्मेस की वीडियो क्लीप भी दिखाउंगी और दिखाउंगी एक बहुत बहुत ही ख़ास व्यक्ति से मेरी मुलाकात :)
क्रिसमस फंक्शन जारी है :

Saturday, December 18, 2010

मेरा क्रिसमस ट्री

इन दिनों चारो और क्रिसमस की बड़ी धूम है . माल्स और घरों में ऑफिसों में सभी जगहों पर सुन्दर साज सज्जा, लाइटिंग्स और प्यारे प्यारे क्रिसमस ट्री दिखाई देते है . मुझे यह सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा है . स्कूल में भी मेरी टीचर मिस सिंडी हमें रोज़ क्रिसमस से जुडी कोई कहानी और सेंटा वाली राइम्स सिखा रही है . स्कूल में सारे बच्चों ने मिल कर टीचर के साथ हमारा अपना क्रिसमस ट्री सजाया है जो हमारी क्लास में रखा गया है . इस क्रिसमस ट्री की खासियत यह है कि इस पर क्रिसमस बेल्स के साथ साथ डेकोरेशन में हम सभी बच्चों की तस्वीरें लगाईं गई है . जब यह रेडी हो गया सभी को बहुत अच्छा लगा . ममा भी कह रही थी बहुत सुन्दर है मेरा क्रिसमस ट्री .....आपको कैसा लगा ??
मेरा क्रिसमस ट्री...हमारी क्लास में सजा है
मेरे सभी फ्रेंड्स और मेरी तस्वीर भी सजाई है इस पर 

ये देखिये मैं हूँ 

अपने क्रिसमस ट्री के साथ खुश लग रही हूँ न :)


Wednesday, December 15, 2010

मेरी कलाकारी -----------------अनुष्का

स्कूल में हमारी टीचर्स हम सभी बच्चों को पढाई लिखाई और खेल कूद के आलावा बहुत ही अच्छा क्राफ्ट वर्क भी सिखाती है ...कैची से कट कर के कलर, स्पार्कल, स्टिकर्स से हम लोगो को सुन्दर चीज़े बनवाती है . मैंने भी बहुत कुछ बनाया है लेकिन उन सभी क्राफ्ट में से बहुत कम भी संभाल पाती हूँ.....वर्ना तो खेल खेल में सब बराबर हो जाता है !!
कैंची चलाना स्कूल में टीचर जी ने तो सुन्दर क्राफ्ट के लिए सिखाया था लेकिन घर पर आकर मैंने कई चीजों पर हाथ साफ किये .अभी २-३ दिन पहले सुन्दर दिखने के चक्कर में अपने बालों पर भी आजमाया लेकिन जब मैंने ममा से पूछा कि ममा मैं ब्यूटीफुल लग रही हूँ न ?? तब ममा तो मेरा नया हेयर स्टाइल देख कर घबरा ही गई .अब कैची भी कही छुपा कर रखती है :(

अब आप ज़रा देखिये मेरी कलाकारी......
अभी लेटेस्ट यह बर्ड बनाई है 
पिछले दिनों थेंक्स गिविंग में बनाया यह मोर 

कुछ ममा ने बचा के रखे है मेरे क्राफ्ट 


 

Wednesday, December 8, 2010

सिसामी स्ट्रीट-----------------अनुष्का

अपने टाईट शेड्यूल से टाइम निकल कर पापा जब मुझे घुमाने कही ले जाते है तो मैं बहुत ही खुश हो जाती हूँ . अभी कुछ ही दिनों पहले मैं मम्मी पापा के साथ सेन डियागो सिटी गई थी .  पिछली बार सी वर्ल्ड मुझे इतना पसंद आया कि दुबारा जाना चाहती थी और इस बार भी वहाँ उतने ही मज़े आए .....
वहाँ सिसामी स्ट्रीट शो देख कर मैंने भी बहुत डांस किया आखिर एल्मो और उसके फ्रेंड्स मेरे फेवरेट केरेक्टर है . मैं रोज़ स्कूल से आकर एल्मो का एक शो ज़रूर देखती हूँ टी वी पर ....वो बच्चों का मनोरंजन करने के साथ हमें अच्छी अच्छी बातें भी सिखाता है न . आप भी देखिये एल्मो से मेरी मुलाकात

मून रूफ ओपन कर के सुहाने मौसम का मज़ा ले रही हूँ ...!!


रास्ते में सी साइड लगून देख कर मैंने वहाँ खेलने की इच्छा जाहिर की ...

कुछ तो है ....ज़रा देखूं तो !!

खैल खैल कर थक गई ....अब कुछ आराम

सिसामी स्ट्रीट शो

एल्मो एंड फ्रेंड्स 

आई लव एल्मो ....


Wednesday, December 1, 2010

सुपर गर्ल-----------------अनुष्का

आज मैं कई दिनों के बाद आप सब से मिल रही हूँ....पिछले दिनों कुछ न कुछ ऐसा चलता ही रहा कि आप सबसे बात करने का मौका ही ना मिल पाया .  तो आज आपको मिलाती हूँ सुपर मेन और सुपर गर्ल से :)
वैसे तो सुपर गर्ल आप सभी की बहुत प्यारी है ही; लेकिन सुपर मेन चाचू के साथ यह गेम खेलते वक्त कैसी लग रही हूँ  देखिये तो ज़रा .......................सुपर गर्ल !!


Thursday, November 18, 2010

गीव मी सम सन शाईन ----------अनुष्का

आज आप सबको मैं एक गाना सुना रही हूँ . यह गाना मेरी फेवरेट  हिंदी मूवी थ्री इडियट्स का है  .मैंने इसे कई बार देखा है .सब लोग मुझे कहते है कि जाने मुझे क्या समझ आता है लेकिन मुझे तो बहुत पसंद है इसके गाने इसमे से एक आपको सुना रही हूँ .....गीव मी सम सन शाईन . हालांकि अब मैं इसका हिंदी पोर्शन भी गा लेती हूँ लेकिन अभी यही सुनिए यह ममा २ महीने पहले रोकोर्ड किया था . अब पूरा एक साथ जब ममा रिकोर्ड कर लेगी तब सुनाऊंगी.
अभी सुनिए, देखिये और मुझे बताइए आपको कैसा लगा मेरा गाना :)

Friday, November 12, 2010

मेरी लिखाई के कुछ नमूने और स्टोरी गेम--------------अनुष्का

मैंने अपनी पिछली पोस्ट में मेरे स्कूल जाने और पढ़ाई लिखाई की शुरुआत के बारे में बताया तब ही मुझे यह बात याद आई की मैने आपको अपनी पढ़ाई की शुरुआत का विशेष दिन मेरे विद्या आरम्भ संस्कार (अक्षर पूजन ) के बारे में तो बताया ही नहीं.....!!
खैर कोई बात नहीं उसके बारे में मैं आपको अगली पोस्ट में सब कुछ विस्तार से बताउंगी लेकिन आज आप देखिये मेरी लिखाई के कुछ नमूने.....


शुरुआत में मुझे पेन, पेन्सिल पकड़ने में भी बड़ी दिक्कत होती थी . मैं पढ़ने में तो बहुत खुश हो जाती लेकिन लिखना मुझे बहुत बोर करता था.  तब लेखन को रोचक बनाने के लिए मम्मा ने एक तरकीब लगाई . मुझे एनिमल्स बहुत अच्छे लगते है . बहुत से एनिमल्स के नाम पता है मुझे ....कई बार ज़ू में जाकर देखा भी है और कहानी सुनने का भी शौक है तो ममा मुझे स्टोरी गेम खिलाती थी . पेन से पेपर पर अलग अलग जानवरों की तस्वीरें बना देती या उनके स्टीकर लगा देती और मेरे हाथ में कलम थमा देती फिर उनकी कहानी के हिसाब से मैं पेन चला कर एक जानवर को दुसरे जानवर के पास लेजाती और इस तरह ममा की कहानी मेरे पेपर पर कलम से भी चलती ...रूचि आने लगी और कलम पर मेरी पकड़ बन गई :) 
इस तरह मेरे लिए ममा के द्वारा इजाद किया गया यह गेम भी सार्थक सिद्ध हुआ .
अब तो लिखना मुझे अच्छा लगता है . अब तो कभी कभी मैं ही ममा को स्टोरी गेम खेलने के लिए कहती हूँ . वैसे अब मुझे अंक ज्ञान भी हो गया है पहचानना तो मुझे आता ही है लेकिन कुछ कुछ अंक मैं लिखना भी सिख गई हूँ जल्द ही १-१० तक पुरे सिख कर आपको दिखाउंगी
फिलहाल आप बताइए कैसी लगी मेरी लिखावट !!

Wednesday, November 10, 2010

स्कूल चले हम -------------अनुष्का

रेडी फॉर स्कूल

बाय बाय ममा
खेल कूद , मौज मस्ती के साथ साथ पढ़ाई लिखाई भी बहुत ज़रूरी होती है ....ऐसा सभी बड़े कहते है . अब मैं थोड़ी बड़ी भी हो गई हूँ इसलिए पिछले साल से मम्मी ने मुझे प्री स्कूल भेजना शुरू किया है. स्कूल की बात निकली है तो मैं आपने सबसे पहले स्कूल "किडी एकेडमी" (लॉन्ग आईलेंड ) कैसे भूल सकती हूँ ....

किडी एकेडमी (लॉन्ग आईलेंड ) में मेरा लास्ट डे
सबके लिए स्कूल बस पढ़ने की जगह होगी लेकिन मैंने वहाँ बहुत मज़े किये है . मेरी सारी टीचर्स मुझे बहुत बहुत प्यार करती थी बहुत ध्यान रखती मेरा.मुझे बहुत अच्छा क्राफ्ट कराती  थी. प्यारी प्यारी पोयम्स भी सिखाती  .....सभी फ्रेंड्स भी बहुत अच्छे थे. हम सब बहुत मिलजुल कर रहते थे .
मेरी बेस्ट फ्रेंड 
  
मेरी बेस्ट फ्रेंड

मीस मोरीसा जिन्हें मैं अब तक नहीं भूली


एक साथ लंच करते , एक साथ नेप लेते लेकिन पापा का प्रोजेक्ट चेंज हो गया और हम यहाँ लॉस एंजेलिस चले आए यहाँ मैंने २ महीने का समर केम्प लिटिल बेबी जिम में लिया उसके बाद स्कूल .अब मैं यहाँ नए स्कूल में जाती हूँ. मेरे नए स्कूल का नाम सेंट अब्राम प्री स्कूल है .....यहाँ भी मेरी टीचर मिस एंडी बहुत अच्छी है मेरा अच्छे से ख्याल रखती है और हर रोज़ एक नई कहानी सुनाती है (उनकी तस्वीर हेलोवीन सेलिब्रेशन के दिन वो मेरे साथ थी )और मैं पेन्सिल पकड़ना भी सिख गई हूँ ...अब टीचर मुझे स्कूल में राईटिंग की प्रेक्टिस भी कराती है ....वैसे मुझे कलर करने में ज्यादा मज़ा आता है. स्कूल जाना मुझे बहुत पसंद है. ममा की परेशानी तो अक्सर बढ़ जाती है वीकेंड में जब मैं स्कूल जाने की जिद्द कर बैठती हूँ ...


 एक दिन स्कूल से आते वक्त ममा से हमारी ठन गई ...जाते ही वीडियो गेम खेलने के लिए ममा न मानी तो हम अंगद ही बन गए :)                          
घर पर ममा पापा भी कुछ न कुछ सिखाते ही रहते है ...अब कल आपको मैं दिखाउंगी अपना राइटिंग वर्क ......!!!

Tuesday, November 9, 2010

दीपावली रिपोर्ट ----------------अनुष्का



मैंने आपको बताया ही था कि इस बार अपने घर और फ्रेंड्स से दूर हमें दीपावली के दिन यहाँ बहुत अकेलापन महसूस हो रहा था . उधर न्यूजर्सी में हमारे जानने वालों को भी हमारी याद आरही थी . सारे दिन फोन पर बातों का दौर चलता रहा . इन्टरनेट की कृपा है कि इंदौर से दादू दादी और रावटी से माई((नानीजी ) डैडीजी (नानाजी ), मामासाब टाइम टाइम पर ऑनलाइन आते रहे . जिससे हमें थोड़ा अच्छा लगा . दीपावली के दिन शाम को ममा ने यही हमारे होटल सुइट में ही लक्ष्मी पूजन की तैयारिया की ....


 मैंने भी ममा पापा के साथ लक्ष्मी देवी का पूजन किया . इस बार मेरा फेवरेट लहंगा जो डंडिया में , मैं मीस कर रही थी पापा अपनी ओफिश्यल विज़िट पर जब न्यूजर्सी गए थे तो अपने साथ लेकर आगए ...मैंने वही पहना था :)

पूजन को में भी तैयार हूँ ..!!

जय माँ 
पूजन में हमारे साथ चाचू  और कुछ दोस्त भी थे ....चाचू और उनके फ्रेंड्स चाचू  के आजाने के बाद हमें बिलकुल अकेला नहीं लगा . पूजा के बाद बहार पिकनिक एरिया में हम सबने एक साथ खाना खाया और मैंने वहाँ बहुत मस्ती की उसके बाद सबके साथ मैं बहुत खैली...



लेकिन पटाखें हम यहाँ नहीं जला सके, पर सुबह दादी ने मुझे वीडियो पर फुलझड़ी चला कर दिखाई थी ......तो ऐसी मनी दीपावली हमारी ..!!!

Wednesday, November 3, 2010

लो आई दीपावली, लाई प्यारी प्यारी याद -------------अनुष्का

आज मम्मी ने मुझे बताया की दीपावली आगई है तो मैंने ममा से पूछा दीपावली में हम क्या करेंगे ....ममा ने मुझे दीपावली से जुड़ी बहुत सी बातें बताई और बताया कि इण्डिया में इस त्यौहार की कैसी धूम होती है .मैंने तो अब तक इण्डिया की एक भी दीपावली नहीं देखी लेकिन जब ममा ने मुझे याद दिलाया तो मुझे यहाँ की दोनों पिछली दीपावली पर हमने यहाँ भी अच्छे से दीपावली मनाई थी तो मुझे वो सब बातें याद आई.......

वर्ष २००९ की दीपावली, ममा की बनाई रंगोली मुझे बहुत अच्छी लगी

ममा की तुलसी ...जिनका हमेशा बहुत प्यार से ध्यान रखती थी ममा तो :)
सबसे पहली दीपावली का तो कुछ ध्यान नहीं मुझे . वैसे भी पहली दीपावली पर हमारे फर्स्ट इण्डिया विज़िट की तैयारियाँ चल रही थी तो ममा कुछ खास कर न सकी . हर साल ममा-पापा दीपावली का त्यौहार यथासंभव यहाँ अच्छे से मानते है . हम लोग नए नए कपड़े पहनते है, ममा तरह तरह की मिठाइयाँ बनाती है, हम सब साथ मिलकर लक्ष्मी पूजन करते है, मंदिर जाते है ....

वर्ष २००८  में न्यू जर्सी में दीपावली पूजन
वर्ष २००८ में न्यू जर्सी में दीपावली पूजन

वर्ष २००९ में लॉन्ग आईलेंड में मनी दीपावली
वर्ष २००९ दीपावली पूजन 
ममा-पापा को सब लोगो से मिलना मिलाना बहुत पसंद है इसीलिए ममा अक्सर कोई न कोई गेदरिंग ओर्गेनाइज़ करती ही रहती है तो फिर दीपावली के दिन न करे ऐसा तो हो नहीं सकता ....वो पापा के ऑफिस के फ्रेंड्स और हमारे पास पड़ोस के फ्रेंड्स को भी पूजन पर बुलाती है ...पूजा के बाद सब एक साथ खाना खाते है और फिर शुरू होजाती है इन सबकी गोष्ठी लेकिन बीच बीच में मेरी मस्ती भी चलती रहती है . कभी कभी सब लोग कोई गेम खेलते है तो कभी गीत, कविता या किस्सों का दौर चलता है .....
वर्ष २००८ की दीपावली पर हमारे साथ विशाल चाचू ,भाविनी चची, सुजाता ताई, श्री अंकल, प्रशांत भैया, शशि अंकल, दुर्बा आंटी और दिबाकर अंकल थे फिर आचानक आर्थिक मंदी का वो दौर शुरू हुआ कि ये सब लोग एक एक कर स्वदेश चले गए. कुछ महीनो पहले विशाल चाचू, चची लौटे है पर वो बहुत दूर है यहाँ से . वर्ष २००९ में वाशिंगटन से अशोक ममा और न्यूजर्सी से अतुल अंकल, अनीता आंटी आए थे हमारे पास बहुत अच्छा लगा था लेकिन इस बार हम दूर है इन सब से ....
अतुल अंकल, अनीता आंटी जो मुझे बहुत प्यार करते है ....मैं इनसे फोन पर बहुत बातें करती हूँ !!

मुझे दीपावली में पूजन की तैयारिया कराना बहुत अच्छा लगता है और रंगोली तो मुझे बहुत बहुत पसंद है. जब ममा बनाती है तो मैं बहुत ध्यान से देखती हूँ और बिलकुल ख़राब नहीं करती. इण्डिया में लक्ष्मी पूजन के समय दादू दादी ऑनलाइन आजाते है तो हम वहाँ की पूजन में शामिल हो जाते है फिर जब हम पूजन करते है तो वो भी नेट के जरिये हमारी पूजा में शामिल हो जाते है ......ऐसे ही ऑनलाइन हम माई (नानीजी ), डैडीजी (नानाजी ) की दीपावली में भी शामिल रहते है ....ममा कहती है ज़मीन से दूर है तो क्या दिल के तो हमेशा करीब ही है :)
हम लोग ऑनलाइन एक दुसरे को अपने नए कपड़े, मिठाइयों के बारे में बताते है और दादू, मामासाब,चाचू मुझे फुलझड़ी जला कर बताते है .....मैंने अब तक कभी अपने हाथ से की जाने वाली आतिशबाज़ी के आनंद नहीं लिए ....इस बार तो हम यहाँ होटल मैं है परिचित लोगो और अपने घर से दूर.  पता नहीं दीपावली पर कुछ खास कर भी पाएंगे या नहीं . बस इस बात की बहुत ख़ुशी है कि इस बार चाचू हमारे साथ है ...यही सब सोचते हुए हमने पिछली दीपावली की सारी बातें बहुत याद की ....!!!


आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ....!!